- बच्चों को खुशियों से परिचित कराना तथा संसर्ग और मनोरंजक गतिविधियों के जरिए सिखाना।
- बच्चों मे अपने विचारों और भावनाओं को धारा प्रवाह भाषा में और विश्वस्त ढंग से व्यक्त करने की योग्यता विकसित करना
- बच्चों को चरित्रवान, आत्म विश्वसनीय, आत्म-आश्रित, ईमानदार और सहानुभूति मुखी बनाना।
- बच्चों को अच्छी आदतें, सामाजिक आचरण तथा शिष्टाचार की आदत डालना।
- विद्यार्थियों को उचित वातावरण प्रदान कर नैतिक गुण पैदा करना ताकि स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके।